17.पाताल पानी झरना मध्य प्रदेश
पातालपानी झरना भारत के मध्य प्रदेश राज्य में इंदौर जिले की महू तहसील में स्थित है। पाताल पानी झरना लगभग 300 फीट ऊंचा है और इंदौर-खंडवा ट्रेन मार्ग पर खिलती हरियाली के बीच में स्थित है, जो इसे देखने लायक भी बनाता है और इंदौर के पास सबसे प्रसिद्ध झरनों में से एक है। यह एक पिकनिक स्थल के रूप में भी लोकप्रिय है और यहां नियमित रूप से स्थानीय लोगों और पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। इस झरने और आसपास के क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता, मानसून के दौरान मनमोहक हो जाती है। हालाँकि ग्रीष्मकाल में पतझड़ लगभग सूख जाता है, मानसून इसे फिर से जीवंत कर देता है। आप जब भी मध्य प्रदेश घूमने आयें तो पाताल पानी झरना अवश्य घूमें।
18. सतना मध्य प्रदेश
सतना मध्य प्रदेश राज्य के रीवा, शहडोल, उमरिया, कटनी और पन्ना जिलों और उत्तर प्रदेश राज्य के बाँदा जिले से घिरा हुआ है।मध्य प्रदेश का सतना शहर अपने चूना पत्थर और डोलोमाइट भंडार के लिए लोकप्रिय है। शारदा देवी मंदिर, चित्रकूट धाम, रावतपुरा आश्रम, धवारी के साईं बाबा मंदिर और, वेंकटेश मंदिर जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों का घर, सतना उन सभी के लिए एक अच्छा विकल्प है जो धार्मिक स्थलों की यात्रा के लिए करना चाहते हैं। माधवगढ़ किला और गिधाकूट सतना में अन्य लोकप्रिय स्थान हैं जहाँ आपको अवश्य जाना चाहिए। साथ ही आप यहां पर शारदा देवी मन्दिर और चित्रकूट धाम, रावतपुरा आश्रम इन सभी जगहों पर घूम सकते हैं।
19. लोटस वैली झील मध्य प्रदेश
लोटस झील मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में मौजूद है। यह इंदौर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद गुलावट गांव में स्थित है। इसलिए कई लोग लोटस वैली को गुलावट वैली या घाटी के नाम से भी जानते हैं। लोटस झील करीब 300 एकड़ में फैला हुआ है। यह एशिया की सबसे बड़ी लोटस वैली के रूप में भी फेमस है। मध्य प्रदेश के इस लोटस वैली की खूबसूरती इस कदर प्रचलित है कि यहां सिर्फ स्थानीय लोग ही नहीं, बल्कि देश के हर कोने से सैलानी घूमने के लिए पहुंचते हैं। जब 300 एकड़ में फैली लोटस झील में करोड़ों कमल के फूल खिलते हैं, तो इस दृश्य को सिर्फ और सिर्फ निहारने का ही मन करता है। कहा जाता है कि इस झील में हर साल कई किसान कमल के फूलों की खेती भी करते हैं और यहां के कमल के फूल देश के हर कोने से बेचे जाते हैं। यहां पर फ़िल्मों की भी शूटिंग होती है और साथ ही यह लोटस वैली झील प्री वेडिंग शूट के लिये भी एकदम परफेक्ट जगह मानी जाती है यहां पर लोग बहुत दूर – दूर से अपनी प्री वेडिंग शूट करवाने आते हैं। यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं लगती है। इस जगह पर आकर आपको जिस खुबसूरती और सुकून का आभास होगा वह शायद और कहीं नही होगा। तो इस बार जब आप अपनी छुट्टियों में कहीं घूमने का प्लान बनाएं तो उसमें मध्य प्रदेश के इस लोटस वैली झील को अवश्य शामिल करें और यहां पर आकर खूब इंजॉय करें।
20. दतिया मध्य प्रदेश
दतिया मध्य प्रदेश के झांसी से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह माँ पीताम्बरा शक्ति पीठ के रूप में प्रसिद्ध है। पीताम्बरा शक्ति पीठ शहर के निकट स्थित है। पीताम्बरा शक्ति पीठ देश का प्रसिद्ध “शक्ति-पीठ” है। श्री गोलोकवासी स्वामीजी महाराज ने इस स्थान पर “बगला मुखी देवी” और “धूमावती माई” की स्थापना की थी। पीताम्बरा-पीठ में वनखंडेश्वर मंदिर है “महाभारतकालीन शिव मंदिर” में से एक I
सोनागिरि जैनियों का एक प्रसिद्ध तीर्थ भी है, जैन लोग इन खूबसूरत मंदिरों में पूजा करने के लिए हर साल बड़ी संख्या में आते हैं। यहां एक सौ से अधिक मंदिर हैं और दूर-दूर से पर्यटक यहां आते हैं। इन सभी के साथ सबसे प्रसिद्ध यहां पर माँ पीतांबारा का मन्दिर ही है।और सोनागिर भी यहां से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। तो इसलिए आप भी इस बार मध्य प्रदेश की ट्रिप पर दतिया माँ पीतांबरा के दर्शन अवश्य करें।
21. चंदेरी फोर्ट
मध्य प्रदेश का ऐतिहासिक शहर चंदेरी मालवा और बुंदेलखंड की सीमा पर बसा है. इस शहर का इतिहास 11वीं सदी से जुड़ा है, जब यह मध्य भारत का एक प्रमुख व्यापार केंद्र था.
चंदेरी पर गुप्त, प्रतिहार, गुलाम, तुगलक, खिलजी, अफगान, गौरी, राजपूत और सिंधिया वंश ने शासन किया है. राणा सांगा ने चंदेरी को महमूद खिलजी से जीता था. जब सभी प्रदेशों पर मुगल शासक बाबर का आधिपत्य था तो 1527 में एक राजपूत सरदार ने चंदेरी पर अपनी पताका लहराई. इसके बाद इसके शासन की बागडोर जाट पूरनमल के हाथों में गई. अंत में शेरशाह ने छल से पूरनमनल को हराकर इस किले पर कब्जा किया। यह फोर्ट अपनी खूबसुरती से भी जाना जाता है बताया जाता है यह फोर्ट बहुत सालों तक पानी में डूबा हुआ था उसके बाउजूद भी इसकी खूबसुरती टस से मस तक नहीं हुई यह आज भी वैसे की वैसी ही है। चंदेरी इतना खूबसूरत है की आज भी पर्यटक देश विदेश से अपने परिवार संग घूमने व फोर्ट को देखने आते हैं । इस फोर्ट के अंदर आपको बहुत कुछ देखने को मिल सकता है ।इस फोर्ट के अलावा आप खूनी दरवाजा, बाबर की मस्जिद, सिंगपुर महल, जागेश्वरी मंदिर, बादल महल, कटिघाटी गेट, परमेश्वर टैंक आदि कई बेहतरीन जगहों पर भी घूमने के लिए जा सकते हैं। साथ ही यहां पर 9वीं और 10वीं सदी के कई जैन मंदिर स्थित हैं । इसकी वजह से यहां जैन तीर्थयात्री बड़ी संख्या में पहुंचते हैं ।आपको बता दें कि चंदेरी में घूमने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से अप्रैल के महीने को माना जाता है। चंदेरी में भुट्टे के कीस, मालपुआ, चंदेरी चाट,आदि कई स्थानीय स्वादिष्ट व्यंजन का स्वाद भी चख सकते हैं|
22. तामिया
मध्यप्रदेश का एक खूबसूरत तथा मुख्य पर्यटन स्थल है, यह प्रकृति की गोद में बसा है,तामिया को मध्यप्रदेश का छिपा हुआ रत्न कहा जाता है। ये जगह उन लोगों के लिए स्वर्ग से कम नहीं है, जो नेचर और एडवेंचर से प्यार करते हैं। 1,100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, यह अनोखा हिल स्टेशन शहरी जीवन की हलचल से दूर आपको शांति और सुकून देता है। यहां चट्टानों के किनारों पर ब्रिटिश काल के कुछ घर बने हुए हैं। यहां आकर आप सतपुड़ा रेंज के घने जंगलों के बीच ट्रेकिंग का मजा ले सकते हैं। यहां का तामिया वॉटरफॉल देखने लायक है। इस झरने को 100 मीटर की ऊंचाई से गिरता देख मन बेहद खुश हो जाता है। अगर आप मध्यप्रदेश में छुट्टियां मनाने की सोच रहे हैं, तो तामिया जाकर आप प्रकृति से जुड़ सकते हैं। और यहां के खूबसूरत नज़ारों से रूबरू हो सकते हैं।