12. अमरकंटक
अमरकंटक हिंदुओं का प्रसिद्ध और बहुत ही महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है जो मध्य प्रदेश के अनूपपुर और शहडोल के तहसील पुष्पराजगढ़ में मेकल की पहाड़ियों के बीच बसा हुआ शहर है. यहां सुप्रसिद्ध अमरकंटक मंदिर है तथा नर्मदा नदी और सोनभद्र नदियों का उद्गम स्थल है।यह मंदिर 1065 मीटर की ऊंचाई पर बसा है. पहाड़ों और घने जंगलों मे बीच इस मंदिर की खूबसूरती अलग ही प्रतीत होती है। आप मध्य प्रदेश घूमने आयें तो अमर कंटक के प्राकृतिक नज़ारो के बीच कई दर्शनीय स्थल घूम सकते है। इनमे से कुछ ये हैं दुग्ध धारा, श्री यंत्र मन्दिर, पतालेश्वर महादेव मन्दिर, माई की बगिया, कर्ण मन्दिर आदि। दुग्ध धारा के बारे में बताया जाता है यह अमरकंटक के कपिल धारा से 1 किलोमीटर नीचे जाने पर मिलता है इसकी उचाईं लगभग 10 फुट है। यहां से गिरने वाली पानी की धारा दूध जैसी प्रतीत होती है इसलिए ही इसे दुग्ध धारा प्रपात कहते हैं। यहीं श्री यंत्र मन्दिर देवी लक्ष्मी, देवी सरस्वती, देवी काली, भुवनेश्वरी के चेहरे की विशाल मूर्ति है इसके साथ ही यहां 64 योगिनी भी मौजूद हैं । इसके साथ ही कर्ण मन्दिर और पतालेश्वर महादेव मन्दिर के बारे में बताया जाता है कि कर्ण मन्दिर तीन गर्भ वाला मन्दिर है तथा पाताल महादेव मन्दिर जो भगवान शिव को समर्पित है। इसमें प्रवेश के लिये पांच मठ हैं। जिसका आकार पिरामिड जैसा है और यह पंचरथ नागर शैली में बना हुआ है। तो आप मध्य प्रदेश जब भी घूमने आयें तो अमरकंटक अवश्य घूमें।
13. पेंच राष्ट्रीय उद्यान
भारत का उन्नीसवां टाइगर रिजर्व पेंच राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश में सतपुड़ा की पहाड़ी के दक्षिणी भाग में महाराष्ट्र के पास स्थित है। इसका नाम यहां बहती पेंच नदी के नाम पर पड़ा जो इस पार्क की जीवन रेखा है और इसे दो भागों में विभाजित करती है। अबुल फजल की प्रसिद्ध पुस्तक आईने अकबरी में भी इस पार्क का जिक्र मिलता है। यहां की जैव विविधता में काले बाघों और पैंथर के अलावा काले नेप्ड खरगोश, उड़ने वाली गिलहरी, सफेद आंखों वाले बाज, चितकबरे मालाबार हॉर्नबिल्स और साही इत्यादि हैं इसके अलावा यहां पेड़ पौधों की लगभग 1200 से भी अधिक प्रजातियां पायी जाती हैं। आप अगर मध्य प्रदेश घूमने आयें तो मध्य प्रदेश के कुनों राष्ट्रीय उद्यान अपने बच्चों व परिवार के साथ अवश्य घूमें।
14 .जबलपुर
जबलपुर शहर मध्य प्रदेश में स्थित है। यह नर्मदा नदी के उत्तर में निचली पहाड़ियों से घिरे चट्टानी बेसिन में झीलों और मंदिरों के बीच स्थित है। इस नगर में उच्च-न्यायालय भी स्थित है। जबलपुर में साक्षरता, संस्कृति, सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों की लंबी परंम्परा रही है। जबलपुर कई लेखकों, प्रकाशकों ,कवियित्रियों व मुद्रकों का आवास क्षेत्र भी रहा है। पुराणों के अनुसार जबलपुर का संबंध जाबालि ऋषि से है। जिनके बारे में कहा जाता है कि वह यहीं निवास करते थे।माना जाता है 1781 के बाद ही मराठों के मुख्यालय के रूप में चुने जाने पर इस नगर की सत्ता बढ़ी, बाद में यह सागर और नर्मदा क्षेत्रों के ब्रिटिश कमीशन का मुख्यालय बन गया।जबलपुर में ऐसी कई घूमने की जगहें हैं जो पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती हैं। जिनमें से कुछ ये जगहें हैं जैसे-मदन महल किला ,ग्वारीघाट ,चौसठ योगिनी मंदिर ,धुआंधार जलप्रपात ,संगमरमर की चट्टानें ,बैलेंसिंग रॉक ,डुमना नेचर रिजर्व पार्क ,बरगी बांध,रानी दुर्गावती संग्रहालय ,संग्राम सागर झील,नुमानताल जैन मंदिर ,गुरुद्वारा ग्वारीघाट साहिब ,पिसनहारी की मड़िया तिलवारा घाट ,भवारताल गार्डन ,श्री विष्णु वराह मंदिर कंकाली देवी मंदिर ,भेड़ाघाट ,सीवर्ल्ड वॉटर पार्क जबलपुर में ये सभी जगहें घूमने लायक हैं। आप अगर मध्य प्रदेश घूमने आ रहें हैं तो जबलपुर के इन सभी जगहों पर अवश्य घूमें ,और साथ ही नाव की भी सवारी अवश्य करें। आप यहां पर पंचवटी घाट से भेड़ाघाट तक करीब 22 किलोमीटर की बोटिंग कर सकते हैं।
15 .भोपाल
भोपाल का नाम राजा भोज के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने 11वीं शताब्दी में इस शहर की स्थापना की थी। राजा भोज एक शक्तिशाली राजा थे,और उन्होंने भोपाल को एक समृद्ध और विकसित शहर बनाया।भोपाल पर मुगलों, अंग्रेजों और मराठों ने भी शासन किया। 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, भोपाल मध्य प्रदेश की राजधानी बना। भोपाल एक बहुसांस्कृतिक शहर है। यहां हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और अन्य धर्मों के लोग रहते हैं। भोपाल की संस्कृति में इन सभी धर्मों का समावेश है। भोपाल मध्य प्रदेश की प्रशासनिक राजधानी है यहां पर प्रदेश तथा देश के बहुत बड़े-बड़े संस्थान भी हैं । साथ ही भोपाल को झीलों के शहर के रूप में जाना जाता है। भोपाल में सबसे प्रसिद्ध स्थानों में से एक, ऊपरी झील, जिसे स्थानीय रूप से ‘भोजताल’ या ‘बड़ा तालाब’ कहा जाता हैहै यह भारत की सबसे पुरानी मानव निर्मित झील है। माना जाता है कि इस झील का निर्माण राजा भोज ने करवाया था। इस झील के आसपास कमला पार्क नाम का एक बहुत बड़ा गार्डन है, जो इसकी शोभा को और बढ़ा देता है। झील और इस खूबसूरत पार्क को देखने के लिए सैलानी जरूर यहां आते हैं। इस झील में सुबह 6 बजे से रात के 7 बजे के बीच कभी भी आ सकते हैं।भोपाल में घूमने के लिये ये कुछ प्रमुख स्थान हैं जहाँ – जहाँ आप भोपाल में घूम सकते हैं। जैसे- भोज मन्दिर, बोरी वन्य जीव अभ्यारण, भारत भवन भोपाल, जामा मस्जिद भोपाल, पुरात्वत संग्रहालय, गौहर महल, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, ट्राईबल म्यूजियम आदि।
16 . कुनो नेशनल पार्क मध्य प्रदेश
कुनों नेशनल पार्क मध्य प्रदेश में स्थित है। इस पार्क को 2018 में देश का नेशनल पार्क घोषित किया गया है। कुनों नेशनल पार्क की स्थापना वर्ष 1981 में की गयी थी । इस नेशनल पार्क में 17 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर यहां नामीबिया से लाये गए नर व मादा चीते भी छोड़े गये थे। मध्य प्रदेश में यह पार्क 900 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यदि आप भी कुनों नेशनल पार्क घूमने जाना चाहते हैं तो यहां पर आपको कई तरह के जानवर देखने को मिलेंगे। यहां पर आपको चीते, सियार, हिरण, नीलगाय, बड़े- बड़े सींग वाले मृग, जंगली सुअर, भेड़िया, बंदर, तेंदुआ ये सभी जानवर आपको करीब से देखने को मिलेंगे। तो अगर आप मध्य प्रदेश घूमने आ रहे हैं तो आप अपने बच्चों को इस जगह पर जरूर लाएं उन्हें यह जगह बहुत ही ज्यादा पसंद आयेगी। आये एक खास बात यह भी है कि यहीं से कुछ 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है रणथंभौर नेशनल पार्क आप खुद भी और अपने बच्चों को भी यहां पर जरूर ले जाएं यहां पर आपको बाघ, चीते, शेर ये सभी जानवर देखने को मिलेंगे।