ओरछा ओरछा राज्य की स्थापना 16वीं सदी में बुन्देला राजपूत रूद्रप्रताप ने की थी। ओरछा के प्रांगण में अनेक छोटे मकबरे और स्मारक हैं। इनमें से प्रत्येक का रोचक इतिहास है। मध्यकाल की यह प्रसिद्ध एतिहासिक नगरी है।
इसका इतिहास 15वीं शताब्दी से शुरू होता है, जब इसकी स्थापना रुद्र प्रताप सिंह जूदेव बुन्देला ने की थी जो सिकन्दर लोदी से भी लड़ा था इस जगह की पहली और सबसे रोचक कहानी एक मंदिर की है। दरअसल, यह मंदिर भगवान राम की मूर्ति के लिए बनवाया गया था, लेकिन मूर्ति स्थापना के वक्त यह अपने स्थान से हिली नहीं। इस मूर्ति को मधुकर शाह बुन्देला के राज्यकाल (1554-92) के दौरान उनकी रानी गनेश कुवर राजे अयोध्या से लाई थीं।
रानी गनेश कुंवर राजे वर्तमान ग्वालियर जिले के करहिया गांव की परमार राजपूत थीं। चतुर्भुज मंदिर बनने से पहले रानी पुख्य नक्षत्र में अयोध्या से पैदल चल कर बाल स्वरूप भगवान राम(राम लला)को ओरछा लाईं परंतु रात्रि हो जाने के कारण भगवान राम को कुछ समय के लिए महल के भोजन कक्ष में स्थापित किया गया। लेकिन मंदिर बनने के बाद कोई भी मूर्ति को उसके स्थान से हिला नहीं पाया। इसे ईश्वर का चमत्कार मानते हुए महल को ही मंदिर का रूप दे दिया गया और इसका नाम रखा गया राम राजा मंदिर। आज इस महल के चारों ओर शहर बसा है और राम नवमी पर यहां हजारों श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं। वैसे, भगवान राम को यहां भगवान मानने के साथ यहां का राजा भी माना जाता है, क्योंकि उस मूर्ति का चेहरा मंदिर की ओर न होकर महल की ओर है।आज भी भगवान राम को राजा के रूप में(राम राजा सरकार) ओरछा के इस मंदिर में पूजा जाता है और उन्हें गार्डों की सलामी देते हैं।मंदिर में चमड़े से बनी वस्तुओं का प्रवेश निषिद्ध हैं।
दर्शनीय स्थल
जहांगीर महल, राजमहल, राय प्रवीण महल, रामराजा मंदिर, चतुर्भुज मंदिर, लक्ष्मीनारायण मंदिर, फूल बाग, दीवान हरदौल महल, सुन्दर महल, छत्रियां, शहीद स्मारक।
कैसे पहुंचे
वायु सेवा:-नजदीकी हवाई अड्डा ग्वालियर (119 कि.मी.) है जिसका दिल्ली, भोपाल, इंदौर और मुबई से विमान संपर्क है। खजुराहो (170 कि.मी.) का विमान संपर्क दिल्ली, आगरा और वाराणसी से है।
रेल सेवा:-दिल्ली-मुबई-मद्रास मुख्य मार्गों पर निकटवर्ती रेलवे स्टेशन झांसी (16 कि.मी.) है। सभी प्रमुख मेल और एक्सप्रेस गाड़ियां झांसी में रूकती है।
सड़क मार्ग:- ओरछा झांसी-खजुराहो मार्ग पर स्थित है। ओरछा और झांसी के बीच नियमित बस सेवा उपलब्ध है।
ठहरने के लिए:-मध्यप्रदेश शासन के होटल।