देश की महिला और पुरुष किसानों काे खेती की हाईटेक पद्धति सिखाकर, उन्हें उन्नत किसान बनाया जा रहा है। इसी क्रम में देश के चार केंद्रीय कृषि मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान में ड्रोन पायलट प्रशिक्षण केंद्र बनाए जा रहे हैं। देश का सबसे पहला केंद्र बुदनी के केंद्रीय कृषि मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान (टीटीसी) में बनेगा।
जल्द ही इसमें विशेषज्ञों द्वारा किसानों काे ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण देना शुरू हो जाएगा। प्रशिक्षण का उद्देश्य किसानों को खेती में उपयोग की जा रही हाईटेक पद्धतियों के बारे में प्रशिक्षित करना है। खास बात यह है कि महिलाओं काे भी ड्रोन उड़ाने में प्रशिक्षित किया जाएगा। ताकि वे परिवार के पुरुष किसानों के साथ तकनीकी का फायदा उठाकर खेती में हाथ बंटा सकें।
इसका लाभ फसल में कीटनाशक, दवाएं व फर्टिलाइजर का छिड़काव करने में आसानी हाेगी। ड्रोन इंस्ट्रेक्टर राय सिंह गुर्जर ने बताया कि बुदनी में ड्रोन प्रशिक्षण की तैयारियां चल रही है। जल्द ही नगर विमानन महानिदेशालय की टीम सेंटर का निरीक्षण करेगी। बुदनी में बनाए जा रहे ड्रोन पायलट प्रशिक्षण केंद्र में 20 सीट होंगी। किसानों का कम से कम 10वीं पास होना जरूरी है।
देश का पहला केंद्र जो 1955 में बना था
बुदनी केंद्रीय कृषि मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान ड्रोन उड़ाने के लिए बेहतर है। यह देश का पहला केंद्र है, जाे 1955 में अस्तित्व में आया था। यह ग्रीन जोन भी है। बुदनी (मप्र), हिसार (हरियाणा), गरलादिन्ने (आंध्र प्रदेश), बिस्वनाथ चारियाली (असम) में बनेंगे प्रशिक्षण केंद्र।