पैदल सैनिकों के हिसाब से यह बनाई गई है ताकि वह इसे फॉरवर्ड पोस्ट तक ले जा सकें। कई जगह सेना की पोस्ट 15 हजार से लेकर 18 हजार फीट तक की ऊंचाई पर हैं। गन का वजन 4 किलो है और डिटेक्टर का वजन करीब 9 किलो है। गन की रेंज 2 किलोमीटर है।
प्रोटोटाइप बनाने को लिए मंत्रालय देता है मदद
प्रोटोटाइप बनाने को लिए मंत्रालय देता है मदद
आर्मी, नेवी और एयरफोर्स की जरूरतें स्वदेशी कंपनियां पूरी कर सकें इसलिए रक्षा मंत्रालय iDEX प्रोग्राम के तहत स्टार्टअप को प्रोटोटाइप बनाने के लिए फंड देता है। सेनाओं की जरूरत के हिसाब से अगर स्टार्टअप ने कुछ डिवेलप किया है तो प्रोटोटाइप के लिए मंत्रालय मदद करता है और फिर उस प्रॉडक्ट को सेनाओं के लिए लिया जाता है। इस वक्त पूरी दुनिया में ड्रोन का खतरा बढ़ा है और एंटी ड्रोन सिस्टम पर लगातार काम हो रहा है। सेना ने भी बॉर्डर एरिया में एंटी ड्रोन सिस्टम बढ़ाए हैं।