नई दिल्ली: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ रिटायर हो गए हैं। 8 नवंबर को उनका लास्ट वर्किंग डे था। इस दौरान उनके लिए खास फेयरवेल कार्यक्रम रखा गया। जिसमें उनके 25 साल लंबे ज्यूडिशियल करियर का जिक्र किया गया। उनके जज के तौर पर सुनाए शानदार फैसलों और न्यायिक सुधारों को याद किया गया। लेकिन क्या आपको पता है DYC के नाम से मशहूर जस्टिस चंद्रचूड़ का यह शानदार सफर शायद शुरू ही नहीं होता, अगर बॉम्बे हाई कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस वाईके सबरवाल ने उन्हें हाई कोर्ट जज के रूप में नियुक्ति को लेकर अपनी सहमति वापस लेने से नहीं रोके होते।
जानिए क्यों नाराज हो गए DYC
हुआ ये कि जज के तौर पर अपने नाम की सिफारिश में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से की जा रही देरी को लेकर सीनियर वकील DY चंद्रचूड़ बेहद नाराज हो गए। उन्होंने तत्कालीन चीफ जस्टिस सबरवाल के चैंबर में जाकर कह दिया था कि वह अपना नाम वापस लेना चाहते हैं। जस्टिस सबरवाल, जो आगे चलकर खुद CJI बने, उन्होंने उनसे एक हफ्ते इंतजार करने को कहा। डीवाई चंद्रचूड़ को 29 मार्च, 2000 को बॉम्बे हाई कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किया गया। 25 साल बीत जाने के बाद भी, वह उस दिन से जरा भी बूढ़े नजर नहीं आ रहे थे जिस दिन उन्होंने हाई कोर्ट जज के रूप में शपथ ली थी।लास्ट वर्किंग डे पर सुनाया वो किस्सा
डीवाई चंद्रचूड़ का यह अंदाज उनके सीजेआई के तौर पर लास्ट वर्किंग डे तक कायम रहा। उनका काम करने का अंदाज कई सीनियर वकीलों के लिए ईर्ष्या का विषय था, जो उनसे बार-बार उस 'अमृत' का रहस्य जानना चाहते थे जिसे पीकर वह अपनी यह बचपन वाली मुस्कान बरकरार रखे हुए हैं। SCAORA के अध्यक्ष विपिन नायर ने इस रहस्य का खुलासा करते हुए बताया कि अनुशासित जीवन और सुबह नियमित योग करना ही इसका राज है।
रिटायरमेंट पर क्या बोले CJI चंद्रचूड़
अपनी पत्नी, बेटियों और कोर्ट रूम में मौजूद वकीलों के सामने CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि यह 25 साल उनके लिए सीखने का सफर रहा है। खासकर सुप्रीम कोर्ट में बिताया समय। उन्होंने कहा कि हम तीर्थयात्री या प्रवासी पंछी हैं। जज आते हैं और चले जाते हैं। मेरे जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मैं कोर्ट को जस्टिस खन्ना के योग्य हाथों में छोड़ रहा हूं। नवनियुक्त CJI संजीव खन्ना ने कहा कि उनके लिए जस्टिस चंद्रचूड़ के समकक्ष खरा उतरना मुश्किल होगा।सीजेआई चंद्रचूड़ की जमकर तारीफ
अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने जस्टिस चंद्रचूड़ के गुणों और उनकी ओर से छोड़ी जा रही विरासत पर प्रकाश डालने के लिए एक कविता लिखी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हालांकि उनके कई फैसले सरकार के खिलाफ गए, एक वकील के तौर पर उन्हें कभी नहीं लगा कि उनकी बात ठीक से नहीं सुनी गई, या उनके नजरिए को फैसले में उचित महत्व नहीं मिला।कपिल सिब्बल और सिंघवी ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में अपने 52 साल के वकालत के दौरान उन्हें CJI चंद्रचूड़ से बेहतर जज कभी नहीं मिला। उन्होंने यह तक कह दिया कि उनके जैसा कभी कोई नहीं होगा। मतलब यह कि वह अपने पिता वाईवी चंद्रचूड़, जो 1978 से 1985 तक साढ़े सात साल तक CJI रहे , के कद को भी पार कर गए। सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी और मुकुल रोहतगी ने कहा कि CJI के कोर्टरूम को सभी के लिए आरामदायक जगह बनाने के लिए किए गए उनके अथक प्रयासों के वे प्रशंसक हैं।