नई दिल्ली: अब पंजाब, हरियाणा समेत अन्य राज्यों में पराली जला रहे किसानों को दोगुना जुर्माना देना होगा। इसके लिए मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरनमेंट, फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज ने नोटिफिकेशन जारी किया है। नए नियमों के तहत पराली जलाने पर लगने वाले एनवायरनमेंटल कंपनसेशन में दोगुना इजाफा किया गया है। यह नोटिफिकेशन 6 नवंबर को जारी किया गया।
नोटिफिकेशन के बाद कमीशन फॉर एयर क्वॉलिटी एंड मैनेजमेंट (CAQM) ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर रिवाइज्ड एनवायरनमेंटल कंपनसेशन लागू करने को कहा है। CAQM ने साफ किया है कि अगर अब पराली जलाने के मामले सामने आते हैं तो उन पर नई दरों के हिसाब से जुर्माना लगाएं। कमीशन ने अपने आदेश में सभी नोडल और सुपरवाइजरी ऑफिसर को यह अधिकार दिया है कि वह नई दरों के अनुसार किसानों से पराली जलाने का जुर्माना लें।
नई दरों को तुरंत लागू करें
सभी राज्य सरकारों को भी कहा गया है कि वे नई दरों को तुरंत लागू करें। नई दरें पांच हजार से 30 हजार रुपये तक की हैं। जबकि इससे पहले यह दरें ढाई हजार से 15 हजार रुपये तक की थीं। मिनिस्ट्री ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (पराली जलाने के लिए पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति का अधिरोपण, संग्रहण और उपयोग) संशोधन नियम, 2024 नोटिफाई किया है।
इस बार कम जली पराली
इस सीजन में पराली जलाने के मामले पिछले कुछ साल की तुलना में कम सामने आए हैं। कंसोर्टियम फॉर रिसर्च ऑन एग्रोइकोसिस्टम मॉनिटरिंग एंड मॉडलिंग फ्रॉम स्पेस (CREAMS) के अनुसार छह नवंबर को पराली जलाने के छह राज्यों में 737 मामले सामने आए हैं। इनमें 286 पंजाब से, 9 हरियाणा से, 50 यूपी से, 72 राजस्थान से और 320 मध्य प्रदेश से सामने आए हैं। 15 सितंबर से अब तक इन छह राज्यों में पराली जलाने के 12514 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें सबसे अधिक पंजाब से 5041, एमपी से 3697, हरियाणा से 888, यूपी से 1544, दिल्ली से 12 और राजस्थान से 1332 मामले सामने आए हैं।
वहीं डीएसएस (डिसीजन सपोर्ट सिस्टम) के अनुसार छह नवंबर को पराली जलाने से राजधानी में 22.77 प्रतिशत प्रदूषण रहा। इस सीजन में पराली की वजह से सबसे अधिक प्रदूषण एक नवंबर को 35.17 प्रतिशत रहा। 31 अक्टूबर को यह 27.61 प्रतिशत रहा था।
नोटिफिकेशन के अनुसार जुर्माने की नई दरें- जमीन का क्षेत्रफल पुराना जुर्माना जुर्माना की नई कीमत
- दो एकड़ से कम जमीन वाले किसानों के लिए 2500 रुपये 5000 रुपये
- दो से पांच एकड़ तक जमीन वाले किसानों के लिए 5000 रुपये 10,000 रुपये
- पांच एकड़ से अधिक जमीन वाले किसानों के लिए 15000 रुपये 30,000 रुपये