नई दिल्ली: अमेरिका में जब से डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव जीता है, क्रिप्टो करेंसी रॉकेट बनी हुई हैं। हालांकि पिछले एक-दो दिनों में इनमें कुछ गिरावट आई है। इसके बावजूद कई क्रिप्टो करेंसी ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। इन्हीं में एक डॉगकॉइन (Dogecoin) है। काफी जगह इसे डॉजकॉइन भी कहते हैं। इस करेंसी ने एक झटके में निवेशकों को मालामाल कर दिया है।अमेरिकी चुनाव का रिजल्ट 5 नवंबर को आया था। तब से लेकर अब तक इन 10 दिनों में डॉगकॉइन में 155 फीसदी का उछाल आ गया है। 4 नवंबर को इसकी कीमत 12.73 रुपये थी। आज गुरुवार को इसकी कीमत बढ़कर 32.70 रुपये हो गई है। अगर आपने 10 दिन पहले इसमें एक लाख रुपये निवेश किए होते तो आज इन एक लाख रुपये की वैल्यू 2.55 लाख रुपये होती। यानी आपको मात्र 10 दिनों में ही एक लाख रुपये पर 1.55 लाख रुपये का फायदा हो चुका होता।
एलन मस्क से है खास कनेक्शन
डॉगकॉइन का दुनिया के सबसे अमीर शख्स और अमेरिकी कारोबारी एलन मस्क से है। इसे मस्क की फेवरेट क्रिप्टो करेंसी माना जाता है। पहले भी वह समय-समय पर डॉगकॉइन को लेकर अपनी रुचि दिखाते रहे हैं। एक समय उन्होंने इस करेंसी का काफी निवेश भी किया था, जिससे इसके भाव आसमान छूने लगे थे।
ट्रंप की जीत से क्यों बढ़ी कीमत?
डोनाल्ड ट्रंप को क्रिप्टो करेंसी का समर्थक माना जाता है। वहीं मस्क भी क्रिप्टो करेंसी के फेवर में रहे हैं। इस चुनाव में मस्क और ट्रंप साथ में थे। मस्क ने ट्रंप को चुनाव में न केवल आर्थिक मदद दी थी, बल्कि उनके लिए चुनाव प्रचार भी किया था। ऐसे में माना जा रहा है कि राष्ट्रपति पद संभालने के बाद ट्रंप क्रिप्टो करेंसी को लेकर कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
वहीं माना जा रहा है कि ट्रंप कई चीजों में क्रिप्टो से पेमेंट का आदेश दे सकते हैं। वहीं एलन मस्क भी ट्रंप सरकार को क्रिप्टो से पेमेंट के लिए कह सकते हैं। दूसरी ओर एलन अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स की मेंबरशिप के लिए पेमेंट डॉगकॉइन में स्वीकार कर सकते हैं। इन्हीं संभावनाओं को देखते हुए इस करेंसी की कीमत बढ़ रही है।
मस्क को मिला एक और DOGE
एक तरफ मस्क जहां डॉगकॉइन के समर्थक रहे हैं तो वहीं मस्क को एक और DOGE का साथ मिला है। ट्रंप में बुधवार को एक नए विभाग की घोषणा की। इसका नाम डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट इफिशिएंसी (DOGE) यानी सरकारी दक्षता विभाग रखा है। ट्रंप ने इस विभाग का प्रमुख एलन मस्क और भारतीय-अमेरिकी कारोबारी विवेक रामास्वामी को बनाया है। यह विभाग सरकार के बाहर काम करेगा और व्हाइट हाउस को सलाह और मार्गदर्शन देगा।