सप्तऋषियों की तपोभूमि सिहावा: प्रकृति और अध्यात्म का संगम

Updated on 19-01-2025 11:00 AM

रायपुर I सनातन परंपरा में सप्त ऋषियों को सबसे ज्यादा आदर प्राप्त है। यह हम सबके लिए सौभाग्य की बात है कि छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले का सिहावा अंचल की पुण्य भूमि सप्त ऋषियों की तपोस्थली रही है। धमतरी जिले का वनांचल सिहावा, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के कारण पर्यटकों को अनायास ही अपनी ओर खींच लेता है। सप्तऋषियों की तपोभूमि के रूप में प्रसिद्ध यह क्षेत्र चित्रोत्पला महानदी के उद्गम स्थल के रूप में भी विख्यात है। सिहावा पर्वत, जो ऋषियों और मुनियों की कहानियों से गुंजायमान है, पहाड़ों, नदियों और घने जंगलों से भरपूर है। 

सप्तऋषियों की तपोभूमि सिहावा: प्रकृति और अध्यात्म का संगम

सप्तऋषियों की तपोभूमि सिहावा: प्रकृति और अध्यात्म का संगम


सिहावा के श्रृंगी ऋषि आश्रम को विशेष महत्व प्राप्त है। लगभग 42 मीटर ऊंचाई पर महेन्द्रगिरि पर्वत स्थित है, जहां श्रृंगी ऋषि का आश्रम है। यहां का तालाब और जलकुंड चित्रोत्पला महानदी के उद्गम स्थल के रूप में प्रसिद्ध हैं। यह स्थान माघ पूर्णिमा पर लगने वाले विशाल मेले के लिए जाना जाता है। श्रृंगी ऋषि आश्रम से लगभग 15 किलोमीटर दूर केकराडोंगरी पहाड़ी पर कंक ऋषि का आश्रम स्थित है। दुधावा बांध के समीप स्थित यह स्थान पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र है।

मगरलोड ब्लॉक के दलदली गांव के जंगलों में सरभंग ऋषि का आश्रम स्थित है। पहाड़ी की चोटी पर स्थित यह स्थान शरद पूर्णिमा के मेले के लिए प्रसिद्ध है। आश्रम के पास दो कुंड हैं, जिनमें बारहों महीने पानी भरा रहता है, और रात के समय इनमें प्रकाश दिखाई देता है। अंगीरा ऋषि का आश्रम नगरी से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्थान अपनी गुफाओं और वनीय वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। वहीं, अगस्त्य ऋषि का आश्रम नगरी से एक किलोमीटर दूर हरदीभाटा गांव के पास स्थित है। यह स्थान भारतीय संस्कृति और विज्ञान के प्रचार-प्रसार का प्रतीक है।
सीतानदी के पास मेचका गांव में स्थित मुचकुंद ऋषि का आश्रम धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस स्थान पर शिव मंदिर, दुर्गा मंदिर, रानी गुफा और शांति कुंड जैसी संरचनाएं स्थित हैं। सीतानदी के वनक्षेत्र में मांदागिरी पर्वत पर गौतम ऋषि का आश्रम स्थित है। यहां की मूर्तियां, गुफाएं, झूलते पत्थर और तालाब पर्यटकों को रोमांचित करते हैं। महानदी और बाल्का नदी के किनारे कर्णेश्वर मंदिर स्थित है। 1114 ईसा पूर्व में बने इस मंदिर का शिवलिंग छत्तीसगढ़ के प्राचीनतम शिवलिंगों में से एक है। इसके समीप स्थित पहाड़ी लोमश ऋषि की तपोभूमि के रूप में प्रसिद्ध है। धमतरी जिले का यह क्षेत्र अपने धार्मिक, पौराणिक और प्राकृतिक महत्व के कारण छत्तीसगढ़ में पर्यटन और अध्यात्म के नए आयाम स्थापित कर रहा है। पर्यटक यहां की आध्यात्मिक शांति और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए बार-बार खिंचे चले आते हैं।


अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 04 March 2025
भोपाल : मध्य प्रदेश के तीर्थयात्रियों के लिए आई. आर. सी. टी. सी ज्योतिर्लिंग सहित द्वारका और शिरडी के लिए "भारत गौरव विशेष पर्यटन ट्रैन" चलाने जा रही है। जो…
 16 February 2025
रायपुर I प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर छत्तीसगढ़ में घूमने-फिरने के लिए कई शानदार जगहें हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि हम पारंपरिक पर्यटन स्थलों से आगे बढ़कर राज्य के…
 19 January 2025
रायपुर I छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के छोटे से गांव धुड़मारास ने देश और दुनिया में अपनी अनोखी पहचान बनाई है। बस्तर जिले के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित धुड़मारास…
 19 January 2025
रायपुर I जशप्योर और पहाड़ी बकरा एडवेंचर द्वारा हाल ही में आयोजित एक बाइक ट्रिप ने पूरे देश भर के राइडर्स को आकर्षित किया। देशभर से आए इन साहसी बाइकर्स ने…
 19 January 2025
रायपुर I छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में स्थित मधेश्वर पहाड़ को शिवलिंग की विश्व की सबसे बड़ी प्राकृतिक प्रतिकृति के रूप में मान्यता मिली है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि को गोल्डन बुक…
 19 January 2025
रायपुर I छत्तीसगढ़ राज्य में अनेक पर्यटन स्थलों में से एक जिला मुख्यालय धमतरी से 55 किलोमीटर की दूर पर स्थित ग्राम जबर्रा लोगों को अपनी ओर बरबस आकर्षित करता है।…
 19 January 2025
रायपुर I छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी महानदी और उसके सहायक नदी सिलयारी नदी पर धमतरी जिले में बने रविशंकर जलाशय (गंगरेल बांध) और मुरूमसिल्ली बांध की खूबसूरती सभी को लुभाती है। इसी…
 19 January 2025
रायपुर I छत्तीसगढ़ का सुकमा जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। इसी विरासत का अनमोल रत्न है ‘दुड़मा वाटरफॉल,’ जो अब न केवल स्थानीय लोगों…
 19 January 2025
रायपुर I सनातन परंपरा में सप्त ऋषियों को सबसे ज्यादा आदर प्राप्त है। यह हम सबके लिए सौभाग्य की बात है कि छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले का सिहावा अंचल की पुण्य…
Advt.