क्या जल्दीबाजी में हुआ था अधूरे पोखरा एयरपोर्ट का उद्घाटन? विमान हादसे के बाद उठे कई सवाल
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16-01-2023 07:17 PM
काठमांडू: नेपाल के पोखरा हवाई अड्डे के पास येति एयरलाइंस के विमान दुर्घटना में सभी 72 यात्रियों की मौत हुई है। इसे पिछले 30 साल में नेपाल में हुआ सबसे बड़ा विमान दुर्घटना बताया जा रहा है। यह विमान पोखरा हवाई अड्डे पर उतरते समय रनवे से लगभग 1.5 किलोमीटर दूर सेती नदी के पास गिर गया था। एयरलाइन का दावा है कि विमान के इंजन सही ढंग से काम कर रहे थे और मौसम भी साफ था। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि फिर हादसे की वजह क्या हो सकती है। इस विमान दुर्घटना के बाद कई लोगों ने पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं।पीएम बनने के सातवें दिन ही प्रचंड ने किया था उद्घाटन
पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन 1 जनवरी को नेपाली प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने किया था। लोगों के सवाल हैं कि क्या इस हवाई अड्डे का उद्घाटन बिना काम पूरा हुए किया गया था। या क्या चीन की सीएएमसी इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड ने चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव प्रोजक्ट के तहत किया गया निर्माण पर्याप्त नहीं था। पोखरा हवाई अड्डे को अप्रैल 2022 में चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने तत्कालीन नेपाली प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा को सौंपा था। जिसके बाद प्रचंड ने प्रधानमंत्री बनने के सातवें दिन ही इस एयरपोर्ट का उद्घाटन कर दिया।उद्घाटन के 15 दिनों के अंदर हुई दुर्घटना
पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन के 15 दिनों के भीतर इस दुर्घटना ने चिंता पैदा कर दी है। ऐसे में नेपाल सरकार ने इस दुर्घटना की जांच के लिए रविवार को पांच सदस्यीय आयोग का गठन किया है। नेपाली मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह आयोग एयरपोर्ट के निर्माण का भी अध्ययन करेगा। प्रचंड की अध्यक्षता में आयोजित नेपाली मंत्रिपरिषद की आपात बैठक में विमान दुर्घटना में लोगों की मौत पर शोक मनाने के लिए 16 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा भी की गई।पोखरा एयरपोर्ट को लेकर उठे कई सवाल
सीएनएन न्यूज 18 की रिपोर्ट में एक उच्च पदस्थ सूत्र के हवाले से बताया गया है कि जांच के लिए गठित आयोग की तकनीकी टीम को हवाई अड्डे के निर्माण में उपयोग की गई सामग्री का अध्ययन करना होगा। एक अन्य सूत्र ने कहा कि पायलटों की क्षमता के बारे में कई संदेह हैं। साथ ही, पोखरा हवाई अड्डे का स्थान एक चिंता का विषय है। अन्य सवालों में यह है कि क्या हवाई अड्डे का उद्घाटन जल्दबाजी में किया गया था और क्या खतरों को ध्यान में नहीं रखा गया था।