मणिपुर में फिर से हिंसा का दौर शुरू होने के बाद मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने पहली बार बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में फिर से हिंसा पी चिदंबरम की नीतियों के कारण शुरू हुई है।
बीरेन सिंह ने चिदंबरम की एक पुरानी तस्वीर दिखाते हुए कहा- मणिपुर में ताजा हिंसा म्यांमार से आए अवैध अप्रवासियों के कारण हो रही है। ये ड्रग्स के व्यापार के लिए मणिपुर आए और अब पूरे नॉर्थ-ईस्ट को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं।
जब चिदंबरम UPA सरकार में केन्द्रीय गृह मंत्री थे, तब उन्होंने 12 से ज्यादा कुकी उग्रवादी ग्रुप और केंद्र-राज्य सरकार के बीच एक समझौता किया था। तब मणिपुर में कांग्रेस के ओ इबोबी मुख्यमंत्री थे।
चिदंबरम और इबोबी म्यांमार के जोमी रिवोल्यूशनरी आर्मी (ZRA) के अध्यक्ष थांगलियानपाउ गुइते को मणिपुर लाए थे। इस तस्वीर में गुइते और चिदंबरम हाथ मिलाते नजर आ रहे हैं।
दरअसल, चिदंबरम ने मंगलवार को X पर पोस्ट करते हुए कहा था कि कि मैतेई, कुकी-जो और नगा केवल तभी एक राज्य में साथ रह सकते हैं, जब उन्हें वास्तविक क्षेत्रीय स्वायत्तता मिले। चिदंबरम की पोस्ट से कांग्रेस ने किनारा कर लिया था। बाद में चिदंबरम ने पोस्ट भी डिलीट कर दी थी।
इसी पोस्ट का जवाब देते हुए बीरेन सिंह ने कहा- मुझे चिदंबरम की पोस्ट देखकर हंसी आती है। मैं उन्हें इन तस्वीरों के जरिए याद दिलाना चाहता हूं कि उन्होंने ही इन विदेशियों को भारत में और मणिपुर में एंट्री लेने दी। चिदंबरम ने ही अवैध अप्रवासियों के अंडरग्राउंड ग्रुप से समझौते भी किए।
बीरेन सिंह बोले- 6 लोगों के हत्यारों की तलाश जारी
बीरेन सिंह ने कहा- जिरीबाम में 3 महिलाओं और 3 मासूम बच्चों के हत्यारों की तलाश की जारी है। जब तक वे पकड़े नहीं जाते, तब तक सरकार चैन से नहीं बैठेगी। इस तरह की बर्बर हत्या के लिए किसी भी समाज में कोई जगह नहीं है। मैं आश्वस्त करता हूं कि इन कुकी उग्रवादियों की तलाश की जा रही है।
उन्हें बहुत जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक कि उन्हें उनकी हरकतों के लिए जवाबदेह नहीं ठहराया जाता। बीरेन सिंह ने कहा कि लगभग 40 से 50 भारी हथियारों से लैस उग्रवादियों ने बोरोबेक्रा में एक कैंप में रहने वाले लोगों पर हमला किया और जिरीबाम में एक पुलिस स्टेशन को निशाना बनाया था।
उनका उद्देश्य डर फैलाना था। हालांकि, वहां तैनात CRPF के जवानों ने उन 10 उग्रवादियों को मौके पर ही मार गिराया था। इससे कैंप में रहने वाले सैकड़ों लोगों की जान बच गई।
3 जिलों में कर्फ्यू में ढील, इंटरनेट बहाल मणिपुर की इंफाल घाटी के तीन जिलों में मंगलवार को कर्फ्यू में ढील दे दी गई है। सरकार ने ब्रॉडबैंड सेवाओं पर से तीन दिन बाद सशर्त रूप से प्रतिबंध हटा लिया। मोबाइल इंटरनेट अभी भी बैन है।
जरूरी चीजों की खरीद को आसान बनाने के लिए इंफाल पूर्व, पश्चिम और काकचिंग में सुबह 5 बजे से 10 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई। लोगों का इकट्ठा होना, आवाजाही और धरना-प्रदर्शन पर प्रतिबंध है।
मणिपुर हिंसा पर आयोग जांच रिपोर्ट सौंपेगा केंद्र सरकार ने मणिपुर हिंसा की जांच कर रहे आयोग को 20 नवंबर तक का समय दिया था। पैनल आज अपनी रिपोर्ट सौंप सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मणिपुर मुद्दे पर दखल देने की मांग की है। 2 पेज के लेटर में लिखा है- आप संविधान की संरक्षक हैं, इसलिए जल्द दखल दें।
राज्य सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेट मणिपुर अखंडता पर समन्वय समिति (COCOMI) ने विधायकों के प्रस्तावों की समीक्षा के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। ऐसा न करने पर उन्होंने आंदोलन तेज करने की धमकी दी।
COCOMI प्रवक्ता के. अथौबा ने कहा, "मणिपुर के लोग प्रस्तावों से संतुष्ट नहीं हैं, जिसमें जिरीबाम में नागरिकों की हत्या में शामिल कुकी उग्रवादियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाने की बात कही गई है। हम राज्य के सभी हिस्सों में SOO समूहों के खिलाफ अभियान चलाने की मांग कर रहे हैं। वे 24 घंटे के भीतर प्रस्तावों की समीक्षा करें, ऐसा न करने पर हम अपना आंदोलन तेज करेंगे।"
अथौबा ने कहा- यदि प्रस्ताव में संशोधन कर हमारी मांगें नहीं जोड़ीं तो कल से राज्य के सभी सरकारी दफ्तरों पर ताले लगाए जाएंगे। हमारी तीन मांगें हैं। प्रस्ताव में सिर्फ एक जोड़ी गई। यदि कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सख्त एक्शन पर फैसला नहीं हुआ तो हम भी नहीं रुकेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष का राष्ट्रपति को खत- जल्द दखल दें इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मणिपुर मुद्दे पर दखल देने की मांग की है। मंगलवार को लिखे दो पेज के पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि 18 महीने में केंद्र और राज्य की सरकार मणिपुर में शांति स्थापित करने में असफल रही है। आप संविधान की संरक्षक हैं, इसलिए दखल दें।
NDA की मीटिंग से गायब रहे 18 विधायक, सभी को नोटिस राज्य में बिगड़ने हालातों पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह द्वारा बुलाई गई NDA की बैठक में 18 विधायक नहीं पहुंचे। इनमें से 7 ने तबीयत खराब होने की बात कही, जबकि बाकी 11 बिना किसी कारण अनुपस्थित रहे। इसलिए इन्हें CM सचिवालय ने उन्हें नोटिस जारी किया है।
कुकी उग्रवादियों के समर्थन में निकाला ताबूत मार्च मणिपुर में 11 नवंबर को सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में मारे गए 10 कुकी उग्रवादियों के लिए न्याय की मांग करते हुए कुकी समुदाय लगातार प्रदर्शन कर रहा है। मंगलवार को भी जिरिबाम और चुराचांदपुर जिले में सैकड़ों लोगों ने 10 खाली ताबूत लेकर मार्च निकाला।