अमेरिका जल्द ही खुद को रूस-यूक्रेन पीस डील से बाहर कर सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस-यूक्रेन पीस डील से हटने की धमकी दी है।
उन्होंने कहा है कि अगर रूस या यूक्रेन में से कोई एक भी डील के लिए तैयार नहीं होता है तो यह एक बेवकूफी भरा कदम होगा और हम पीस डील से बाहर आ जाएंगे।
इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियों ने कहा था कि आने वाले दिनों में अगर रूस और यूक्रेन जंग को खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाते हैं, तो अमेरिका शांति के प्रयास छोड़ देगा।
डोनाल्ड ट्रम्प का दूसरा कार्यकाल शुरू हुए लगभग 90 दिन बीत चुके हैं। इस दौरान अमेरिका और रूस के बीच कई बार यूक्रेन जंग के समाधान पर बातचीत हो चुकी है। लेकिन ट्रम्प प्रशासन को शांति कायम करने में कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी है।
जंग को रोकने के लिए अमेरिका ने पीस प्लान पेश किया
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियों और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने गुरुवार को पेरिस में यूरोपीय और यूक्रेनी नेताओं के साथ मुलाकात की थी। यह बैठक जंग को खत्म करने के लिए की जा रही ट्रम्प प्रशासन की कोशिश के तौर पर आयोजित किया गया।
इस बैठक में अमेरिका ने शांति के लिए एक प्लान पेश किया। अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक इस प्लान को सभी पक्षों ने सराहा है। हालांकि इस प्लान में क्या शामिल किया गया है, यह अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।
बैठक के बाद रुबियो ने कहा कि वह ठोस समझौते के लिए पेरिस आए हैं। रूबियो ने कहा कि अगर दोनों पक्ष इतने दूर हैं कि समझौते की कोई संभावना नहीं है, तो राष्ट्रपति ट्रम्प जल्द यह कहेंगे कि बहुत हो गया।
अमेरिका यूक्रेन में जल्द होगी खनिज डील
अमेरिका और यूकेन के बीच जल्द ही मिनरल डील या खनिज समझौता हो सकता है। गुरुवार रात को यूक्रेन की अर्थव्यवस्था मंत्री यूलिया स्विरीडेन्को ने बताया कि कीव और वॉशिंगटन के बीच डील को लेकर एक MOU पर दस्तखत हुए हैं।
दरअसल अमेरिका ने यूक्रेन को रूस के खिलाफ जंग में 350 बिलियन डॉलर के हथियार दिए हैं। ट्रम्प प्रशासन ने इस मदद के बदले यूक्रेन से कीमती खनिज देने की मांग की है।
इससे पहले 31 मार्च को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की पर मिनरल डील से पलटने का आरोप लगाया था। गौरतलब है कि फरवरी में जेलेंस्की और ट्रम्प के बीच सार्वजनिक बहस के चलते इस समझौते के पहले ड्राफ्ट पर हस्ताक्षर नहीं हो सके थे।