बीते रविवार को नीमच जिले सिंगोली इलाके के कछाला गांव में जैन संतों पर 6 युवकों ने हमला कर दिया था। इस घटना को लेकर देश भर में जैन समाज ने आक्रोश व्यक्त किया। जैन संतों पर हुई हमले की घटना को लेकर समाज वादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है।
अखिलेश यादव ने X पर लिखा-
प्रिय जैन समाज, जय जिनेंद्र। वर्तमान समय में देश में अल्पसंख्यक होना एक अभिशाप बनता जा रहा है। आज अल्पसंख्यक जैन समुदाय के मध्य भय, असुरक्षा और अनिश्चितता की जो भावना व्याप्त है, वो अत्यधिक चिंता का विषय है। जिसकी चर्चा, निंदा और आक्रोश पूर्ण प्रतिक्रिया संपूर्ण विश्व में हो रही है।
जैन समाज पर अचानक बढ़ते जा रहें हमले
यदि मप्र के सिंगोली थाना क्षेत्र में एक मंदिर के प्रांगण में जैन मुनियों पर हुआ हिंसक हमला शारीरिक हमले की श्रेणी में आता है, तो जबलपुर में भाजपाई और उनके संगी-साथी के बीच लीक हुए टेलिफोनिक ऑडियो में जैनियों के बारे में की गयी बेहद दुर्भावनापूर्ण-आपत्तिजनक टिप्पणियां एक वाचिक हमला रहा और मुंबई में जैन मंदिर के ध्वस्तीकरण और जैन तीर्थंकरों की मूर्तियों, जिनवाणी व अन्य पूजनीय ग्रंथों और शास्त्रों का निर्वासन और निरादर बेहद गंभीर और घोर निंदनीय कुकृत्य की श्रेणी में आएगा।
जैन समाज के साथ हुई घटनाएं गिनाईं
सपा सुप्रीमो ने आगे लिखा- चाहे भाजपा शासित गुजरात में ‘श्री गिरनार जी’ के मंदिर पर क़ब्ज़े का प्रकरण हो या ‘श्री सम्मेद शिखर जी’ पर केंद्र की भाजपा सरकार का आपत्तिजनक हस्तक्षेप या फिर कुछ साल पहले भाजपा राज में ही उप्र के बागपत-बड़ौत के एक जैन कॉलेज की, वो घटना जिसमें जैनियों की पूज्य ‘श्रुतिदेवी’ की प्रतिमा स्थापित करने का उग्र विरोध भाजपाई संगी-साथियों ने किया था या फिर मप्र के नीमच में एक बुजुर्ग जैन 65 वर्षीय ‘भंवरलाल जैन’ को भाजपा सत्ता समर्थित एक प्रभुत्व शाली व्यक्ति द्वारा थप्पड़ मार-मारकर मार डालने की वीभत्स घटना।
कई घटनाएं सामने नहीं आ पातीं अखिलेश ने लिखा- ये सब कुछ जैन समुदाय के उत्पीड़न के ही मामले हैं। ये तो वो घटनाएं हैं, जो प्रकाश में आकर उजागर हो गयीं नहीं तो न जाने ऐसे कितने प्रकरण हैं, जहां जैन समाज को प्रताड़ित करने का काम वर्चस्व वादी ताकतें हमेशा करती रही हैं।
क्या चंदा देने तक ही जैन समाज का महत्व अखिलेश ने आगे लिखा- जब हम दबाव डालते हैं तो हर बार बाद में माफ़ी मांगने का नाटक किया जाता है। मंदिर को दुबारा बनाने से मूर्तियों, पूजनीय पुस्तकों और जैन समाज-समुदाय का जो अपमान हुआ है, क्या वो वापस आएगा?
जैन समाज का भारतीय संस्कृति में अहम योगदान एक अनुकरणीय आदर्श आचार-सहिंता के रूप में जैन समाज का भारतीय धर्म, दर्शन, संस्कृति, शिक्षा, सदाचार, समाजसेवा, जीवन मूल्यों पर आधारित ‘जियो और जीने दो’ का महान संदेश देने वाला सहनशीलता व क्षमाशीलता सिखाने वाला मानवीय व्यवहार व समस्त प्राणियों के प्रति करुणा, प्रेम और अहिंसा का सह अस्तित्व कारी सिद्धांत और साथ ही अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में जो सर्वाधिक अनुपातिक असीम योगदान है, वो अतुलनीय है।
जैन समाज याद रखे, भाजपाई किसी के सगे नहीं हैं
सपा सुप्रीमो ने लिखा- सत्ताधारी भाजपाइयों द्वारा की गयी ऐसी हतोत्साहित करने वाली घटनाएं जैन समुदाय को चाहकर भी कमज़ोर नहीं कर पाएंगी क्योंकि वो अल्पसंख्यक के रूप में उस 90% जनसंख्या का हिस्सा हैं, ‘पीडीए’ के समेकित रूप में, जिनकी रक्षा-सुरक्षा और एकजुटता का संकल्प हम सबने लिया है।
इस कठिन समय में हम सब जैन समाज के साथ हैं। जैन समाज याद रखे, भाजपाई किसी के सगे नहीं हैं।